1 मई का दिन भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में मजदूरों के सम्मान का दिन है l बात चाहे ग्रामीण विकास की हो या सड़कों एवं भवन निर्माण की , फैक्टरी व देश के विभिन्न उद्योगों, कारखानों या देश के किसी भी सेक्टर में काम करने की हो देश या राष्ट्र के विकास व उत्थान में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है l इन सभी क्षेत्रों में मजदूर 15-15 घंटे तक काम करते हैं l इस दौरान श्रमकों को उनके साफ- सफ़ाईं ,पहनावे, काम करने के दृष्टि-कोण से, जाति, लिंग, यहॉं तक की उनके वेतन को लेकर भेद-भाव व दुर्व्यवहार भी देखने को मिलता है l 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत तब हुई , जब 1886 में अमेरिका में मजदूर काम करने की अवधि को कम करने को लेकर सड़कों पर धरने पर उतर आए l अनियंत्रित भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने उन पर गोलियां चला दी और सैकड़ों श्रमिकों की जान चली गई l इस दुखद घटना के याद में मजदूरों के सम्मान व उनके अहमियत को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर/ श्रमिक दिवस मनाने का प्रस्ताव लाया गया